
एक वर्ग ऐसा भी है जिसे घनघोर कर्जमाफी के इस दौर में कोई माफी नहीं देता
इस देश में या तो आप विजय माल्या बन जाये या किसान। विजय माल्या बनेंगे तो बैंक के पैसे पर ऐश करेंगे। उसी पैसे से विदेश निकल जायेंगे और फिर उन्ही बैंको के पैसे से केस लड़ेंगे और जब वापस आने का होगा तब की तब देखेंगे। मूलधन दे दा के निपटा लेंगे। ब्याज का केस चलता रहेगा। वैसे भी भागे भूत की लंगोटी भली। मूल मिल जाये वही बहुत है।
विजय माल्या का तो समझ में आता है, किसान बनने की बात पढ़ कर लोग सोच रहे होंगे की किसान बनने से क्या फायदा। किसान तो सबसे परेशान है। किसी चीज के सही पैसे ही नहीं मिलते। किसान आत्महत्या कर रहे है। बीजेपी के एक नेता ने कहा की किसान लड़को के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से लोन ले कर मोटर साइकिल ले लेते है। मीडिया ने बड़ा हल्ला मचाया। पर आप माने या न माने पर किसानो में एक ऐसा वर्ग भी है जो अब जान गया है की हर 1-2 साल में वोटों की राजनीति के लिए चाहे जो पार्टी हो वो लोन माफ़ करेगी। अब किसान क्रेडिट कार्ड से पैसे निकल के घर बनवाये या मोटर साइकिल लाये आप कैसे ये प्रूफ कर सकते है की उससे निकाले गए पैसे खेतिहर काम में ही इस्तेमाल किये गए है। मरता वही किसान है जो या तो बहुत छोटा किसान है और दूसरे के खेतों को बटाई ले कर खेती करता है या खेतिहर मजदूर है। अब जो दूसरे का खेत बटाई ले कर खेती करता है वो उस खेत पर न तो कोई लोन ले सकता है न ही उसका कोई किसान क्रेडिट कार्ड बनेगा। क्यों की किसान क्रेडिट कार्ड जो खेत का मालिक है उसका बनेगा।
इन दोनों के अलावा भी एक बहुत बड़ा वर्ग है जो गलती से आप अगर बन गए तो न तो आप लोन ले कर भाग पाओगे न ही आप को कोई सरकार माफ़ी देगी। इस वर्ग को एक ही माफ़ी मिलती थी वो भी पिताजी की। वो भी गुफा में ले जा के। वो बाबा जी भी जेल चले गए तो अब वो माफ़ी भी नहीं मिल पाती। ये वो वर्ग है जो दिल्ली जैसे शहरों में सबसे बड़ी संख्या में रहता है फिर भी कोई रैली नहीं करता। ये अपने बिल समय से भरता है चाहे बिजली का बिल हो या क्रेडिट कार्ड का। अकसर ऊँची दरों पर पर्सनल लोन ले कर ऐसे चक्रव्यूह में फसता है की उसमे दोस्तों की उधारी कर लेता है पर उससे बाहर नहीं आ पाता। 10000 से लगा के 20000 तक कमाता है। रात में जगता है फिर भी जब अपने कस्बे या गांव को जाता है तो व्यवहार इस तरह करता है की जैसे कंपनी का जनरल मैनेजर खुद ही है। ये वर्ग ESI भी कटवाता है, टैक्स भी देता है, क्रेडिट कार्ड की लेट पेमेंट का फाइन भी देता है वो भी GST के साथ और यकीन मानिये सबसे ज्यादा आत्महत्या भी यही करता है फिर भी घनघोर कर्जमाफी के इस दौर में इसे कोई माफी नहीं देता।
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