चुनाव के बाद, सत्ता प्राप्ति के लिए बनाये गए गठबंधन पर रोक लगा देनी चाहिए?
कर्नाटक में जिस तरह का राजनैतिक घमासान चल रहा है उसके बारे में शायद ही किसी ने कल्पना की हो। सत्ता पाने के लिए जो संघर्ष चल रहा है वो किसी भी तरह से भारतीय जनतंत्र को मजबूत नहीं करता। येद्दुरप्पा के शपथ ग्रहण के ठीक पहले जिस तरह से रात में नाटकीय तरह से उच्चतम न्यायलय में सुनवाई हुई, क्या उसी तरह से किसी आम इंसान के लिए न्यायलय के दरवाजे खुलेंगे। जिस देश में एक आम आदमी को न्याय पाने के लिए अपनी पूरी उम्र वकील और अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते हो उसी देश में जज रात २ बजे इस बात के सुनवाई करते है की शपथ ग्रहण पर रोक लगायी जाये या नहीं वो भी तब जब की उसकी एक संवैधानिक व्यवस्था है। अगर येद्दुरप्पा