
क्यों पत्रकार बिरादरी को इस समय द हिंदू के साथ खड़ा होना चाहिए?
बीते बुधवार को राफेल डील मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रख रहे अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने ने कोर्ट में कहा की राफेल डील से जुड़े अहम दस्तावेज चोरी हुए हैं.इन्हीं चोरी के दस्तावेजों के आधार पर प्रशांत भूषण याचिका पर सुनवाई चाहते हैं और द हिंदू अखबार में भी जारी रिपोर्ट इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर लिखी गई हैं.अटार्नी जनरल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा की जो दस्तावेज चोरी हुए वो गोपनीय थे.उन पर ये बात लिखी भी थी.ऐसे में जिन अखबारों ने ये रिपोर्ट छापी है उन पर ऑफिशयल सीक्रेट एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए.
द हिंदू के एडिटर एन राम ने अपनी रिपोर्ट को जनता के हित में बताया है और कहा है की उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.इस सबके बीच विकिलीक्स की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया गया है की दिवंगत पूर्व पीएम राजीव गांधी हथियारों के दलाल थे.केंद्र सरकार के बड़बोले मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे लेकर कांग्रेस पर हमला भी किया.दरअसल बोफोर्स तोप घोटाले में नाम आने के बाद राजीव गांधी की छवि काफी खराब हुई थी.जिस बोफोर्स तोप घोटाले का नाम लेकर बीजेपी नेता कांग्रेस पर हमला करते हैं वो इस तथ्य को भूल जाते हैं की इस घोटाले का खुलासा भी द हिंदू ने किया था.
बीजेपी नेताओं और मौजूदा सरकार से पूछा जाना चाहिए जब बोफोर्स घोटाले पर रिपोर्ट करना देशहित में था को राफेल पर ऐसा करना देशविरोधी कैसे हो गया .एक पत्रकार को अपनी पत्रकारिता के लिए हमेशा गोपनीय सूत्रों की जरूरत होती है.उनके बगैर सरकार की आंख खोलने वाली रिपोर्टिंग संभव ही नहीं है क्योंकि कोई भी सरकार खुद की कमियां जनता के सामने नहीं रखती है.बोफोर्स से लेकर सभी बड़े घोटालों का खुलासा ऐसे ही हुआ था.एक पत्रकार के लिए उसके सूत्र उसकी सबसे बड़ी पूंजी होती है और वो किसी भी हाल में उनका खुलासा करना नहीं चाहता है.अगर सरकार इस तरह से कानून के जरिए पत्रकारों को डराने की कोशिश करेगी तो देश में बची खुची खोजी पत्रकारिता भी खत्म हो जाएगी और शायद ही मोदी सरकार इस बात का क्रेडिट लेना चाहे.
बेशक एडिटर्स गिल्ड ने सरकार के कदम की आलोचना की है लेकिन जरूरत है की पूरी पत्रकार बिरादरी इस मामले में द हिंदू के साथ खड़ी हो.ये मामला राफेल का नहीं पत्रकारों के एक बेसिक अधिकार है जिसके हनन की कोशिश हो रही है.आज इस सरकार को अगर ये काम करने की छूट मिल जाती है तो कल को दूसरी सरकार भी इसी तरह किसी पर भी कार्रवाई करने लगेगी.राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर आपके सूत्रों के नाम उगलवाए जाएंगे और पत्रकारिता के नाम पर प्रेस रिलीजें अखबार में छपने लगेंगी.इसलिए जरूरी है की इस वक्त में द हिंदू के साथ पत्रकार बिरादरी खड़ी हो.बाकी राफेल में सही या गलत का फैसला करने के लिए सुप्रीम कोर्ट बैठा अपना काम कर रहा है.
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