
किस्सा चुनावी मौसम में नये रिश्तों को तलाशते हमारे माननीय नेताओं का
उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में
इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए
मशहूर शायर वसीम बरेलवी ने का शेर इन दिनों भारतीय राजनीति पर एकदम सटीक बैठता है.भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है.इसकी वजह है की भारत में कई मौसम और ऋतुएं होती हैं,लेकिन इन सबके बीच हम सबसे अहम मौसम को भूल जाते हैं. ये मौसम है चुनाव का मौसम. इस मौसम को भारतीय राजनीति में ब्रेकअप और तलाक का दौर तेज हो जाता है. बीते 5 सालों से जारी तमाम विवाहेत्तर संबंध इस दौरान अपने रिश्ते को नया नाम देने का एलान कर देते हैं.
चुनाव आने वाला है और भारतीय राजनीति में मिलने बिछड़ने का दौर जारी है.जिसको पुराने रिश्ते में संतुष्टि नहीं मिली वो नए रिश्ते में जा चुका है या जाने वाला है.इस मामले में शत्रुघ्न सिन्हा जी का मामला ही अलग है.काफी दिनों से बीजेपी में थे.2014 में चुनाव हुए और वो लोकसभा चुनाव जीते भी.उम्मीद थी की मंत्री बनाए जाएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं.बस उसी दिन से वो बीजेपी के शत्रु बन गए.बीते 4 साल उन्होंने कैसे काटे हैं वहीं जानते होंगे.फिलहाल खबर है की बीजेपी से उनका टिकट कट चुका है.जिद साहब की ये है की चुनाव लड़ेंगे तो पटना साहिब से ही लड़ेंगे.ऐसे में देखने वाली बात होगी शत्रु साहब को आने वाले दिनों में अपने नए नवेले रिश्तों में राहत मिलती है या नहीं.
एक कांग्रेसी नेता थे टॉम वडक्कम.कांग्रेस के प्रवक्ता थे.सोनिया गांधी के बड़े खास हुआ करते थे.एक हफ्ते पहले ही ट्वीट करके बोले की चाहें जितने क्राइम करो बस एक बार बीजेपी में डुबकी लगा लो.सारे क्राइम धुल जाएंगे.हफ्ते भर में जनाब को पता नहीं कौन सा ऐसा अपराध याद आ गया की डुबकी लगाने बीजेपी में शामिल हो गए.गुजरात चुनाव के वक्त बीजेपी को कोसने वाले अल्पेश ठाकोर का यही हाल होते होते रह गया.ये वो शख्स थे जिन्होंने ताइवान के उस मशहूर मशरूम की खोज कर डाली थी जिसे लगाकर पीएम मोदी गोरे हुए हैं.उन्होंने इसकी कीमत 8 लाख बताई थी.बताया जाता है की ठाकोर साहब को उम्मीद थी की वो गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाएंगे,लेकिन ऐसा हुआ नहीं.उन्हें पार्टी ने बिहार भेज दिया.ठाकोर साहब बड़े नाराज हुए.बीजेपी से उनकी बातचीत शुरू हो गई.बताते हैं की पीएम मोदी उनकी मशरूम वाली खोज से खासे नाराज थे.ऐसे में ऐन वक्त पर ठाकोर की बीजेपी में एंट्री नहीं हो पाई.इसके बाद ठाकोर साहब का बयान आया की बीजेपी में जाना तो चाहता था लेकिन अब नहीं जाऊंगा.इस तरह मजबूरी में ही सही ठाकोर जी पुराने रिश्ते में रहने को मजबूर हो गए.
ऐसी ही दिल्ली में एक कड़क सिंगल लौंडा हुआ करता था.सारी लड़कियों के चरित्र पर सवाल उठाने वाला लड़का.आपका अपना अरविंद केजरीवाल.आजकल उन्हीं मे से एक लड़की से रिश्ता को आतुर हैं.भरी सड़क (ट्वीटर) से लेकर घर तक के अंदर जाकर कांग्रेस नेताओं को रिश्ता के लिए मना रहे हैं.जब वो मानते नहीं हैं तो जनाब धमकी और गाली गलौज पर उतर जाते हैं.
यूपी में हाल ही में बीएसपी के 15 से ज्यादा बड़े नेता नए रिश्ते की तलाश में बीजेपी शामिल हो चुके हैं.आए दिन आपको खबर पढ़ने को मिलती है इस पार्टी को बड़ा झटका.बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को राजनीति के नए रिश्तों का मैरिज ब्यूरो कहा जा सकता है.शानदार ख्वाब के साथ विरोधियों को पाले में लाने की पूरी कोशिश करते हैं.गुजरात कांग्रेस के कई विधायक इन दिनों बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.इनमें कुछ को तो मंत्री भी बनाया जा चुका है.ऐसे ही पश्चिम बंगाल में ममता जी के विधायक उनकी पार्टी को लगातार तलाक दे रहे हैं.ओडिशा में भी बीजेपी बीजेडी को ऐसे ही झटके दे रही है.हालांकि झटके बीजेपी को भी मिल रहे हैं.उत्तराखंड में वरिष्ठ नेता भुवन चंद खंडूडी के बेटे ने पार्टी छोड़ दी है.यूपी में भी कई सांसद अब पार्टी के हमसफर नहीं रहे हैं.
आपको इतने रिश्ते टूटने के बारे में मैं बता चुका हूं.अच्छी बात ये है की यहां सबकुछ इंस्टैंट होता है.इस्टैंट तीन तलाक की तर्ज पर एक नेता पार्टी छोड़ता है तो दूसरी पार्टी तुरंत पकड़ लेता है.यहां कोई सिंगल रहने को मजबूर नहीं होता.यहां कोई पुरानी पार्टी से गुजारा भत्ता भी नहीं मांगता.बस नए हमसफर को खुश करने के लिए पुराने को गालियां जरूर देता है.कुल मिलाकर चुनाव के इस मौसम का आनंद लीजिए.चुनाव के मौसम के इस नए सृजन का अपना एक मजा है.
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